राजकुमारी की शादी की कहानी!
अरे रुकिए राजकुमार नहीं मुझे राजकुमारी से शादी नहीं करनी अगर ऐसे ही सारे राजकुमार भागने लगे तो मैं अपना राजपाट छोड़कर कहीं और चला जाऊंगा नहीं नहीं पिताजी ऐसा मत बोलिए मैं शादी कर मगर मेरी एक शर्त है कैसी शर्त जो कोई भी मेरे खरगोशों का पूरे एक मास तक ख्याल रख पाएगा मैं उसी से विवाह करूंगी सुनो सुनो सुनो जो कोई भी राजकुमारी के खरगोश और पलक झपकते ही यह बात आग की तरह फैल गई यह शर्त पूरी करने के लिए कितने ही राजकुमार आए इन्हे खरगोश दिए
जाए उन खरगोशों ने ऐसा कमाल किया सारे राजकुमार खरगोशों को वापस छोड़ के चले गए देश विदेश के राजा राजकुमार आए मगर इन छोटे खरगोशों को संभाल नहीं पा मुझे तो दूर दूर तक कोई नहीं दिखता जो यह कार्य पूर्ण कर पाए वाह अति सुंदर क्षमा महाराज आपकी शर्त मैं पूरी करूंगा एक मामूली चरवा [संगीत] नहीं नहीं अगर इसने शर्त पूरी कर दी तो तो क्या मेरी बच्ची अपना पूरा जीवन इसके साथ बताएगी घोषणा के अनुसार फिलहाल हमें खरगोशों को इसे सौंपना ही होगा
राजकुमारी जी मैंने आज तक आपके खरगोशों को इतना आनंदित नहीं देखा उस चरवाहे की बासुरी की धुन में जरूर कुछ तो चमत्कारी है अच्छा यह तो बड़ी अनोखी की बात है सेनापति की बात से प्रभावित होकर चुपके चुपके राजकुमारी तारा खुद से यह सब देखने के लिए पहुंच गई वहां अपने खरगोशों को इतना खुश देखकर उसे विश्वास ही नहीं हुआ इसी बीच कीर्थ की नजर राजकुमारी पर पड़ जाती है और इस तरह उनकी मुलाकात हो जाती है और इसके बाद वो रोज मिलने लगते हैं जिसकी खबर लगते ही महाराज गुस्से से आग बबूला हो जाते हैं और कीर्थी शर्त पूरी ना कर पाए इसकी योजना बनाते हैं क्या बात है ये खरगोश तो बहुत ही प्यारे हैं महाराज अपनी बिटिया की खातिर एक दो ले सकते हैं क्या इनके बदले हम आपको स्वर्ण मुद्रा दूंगा हां हां हां क्यों नहीं मगर उसके लिए केवल सोने की मुद्रा नहीं मेरा कुछ कार्य भी करना होगा जैसे कि गंदे कपड़े धोने होंगे थोड़ी मालिश करनी होगी मेरे जूतों को चमकाना होगा मुझे कोई देख तो नहीं रहा आखिर इस चरवाहे के पास जूते और कपड़े होंगे ही कितने मैं तैयार हूं प्रभु इतना सारा काम अरे पूरे गांव भर का काम करवा लिया अब तो खरगोश दे ही दो हां हां ले लो मिल गया महाराज कहां है खरगोश ये रहा वाह महाराज आप एक खरगोश नहीं मेरी समस्या का हल ले आए अरे अरे ये क्या किया [संगीत] रुको तुम तो बड़े ही खास हो महाराज खुद तुम्हें महल की सैर जो करवाने ले गए थे अब खरगोश लाने की बारी महारानी केतकी की थी अरे वाह कितनी अच्छी बनसी बजाते हो और ये खरगोश कितने प्यारे हैं मन करता है इन्हे अपने संग ले जाऊ इनमें से एक मुझे मिल सकता है क्या क्यों नहीं मगर मेरी एक शर्त है आपको मेरा कुछ कार्य करना होगा यह तो मुझे पता ही
था इस कक्ष के खिड़की दरवाजे बंद कर दीजिए जल्दी कीजिए शाबाश बड़ा आया था मेरी राजकुमारी से शादी करने सुनो जश्न की तैयारी करो अरे आपने खिड़की क्यों खोली समय पूरा होते ही ठीक अगले दिन की राजकुमारी का हाथ मांगने राजमहल पहुंच गया सभी खरगोशों को सुरक्षित देख अब महारानी केतकी ने कीर्थी के सामने एक अजीबो गरीब शर्त रख दी तीन बोरिया लाई जाए इन्हें तोहे किसी वस्तु से नहीं बल्कि इन्हें अपने शब्दों से भना होगा क्या तुम कर पाओगे आपकी आज्ञा हो तो कोशिश कर सकता हूं
अवश्य एक बार एक राजा हुआ करता था जिसके भय से पूरा राज्य कापता था एक बार एक मामूली चरवाहे ने उससे अपने कपड़े धुलवा अपने गंदे पैरों पर मालिश करवाई जूते चमको आए इसे तो सब पता है उस राजा का नाम था बंद करो भर गई बोरी भर गई है बोरी भर चुकी है मगर और दो बोरिया तो बाकी है महाराज एक बार एक बहुत ही खूबसूरत महारानी रहा करती थी मगर एक दिन उसने एक मामूली चरवाहे की बात मानते हुए उसके फटे कपड़ों की सिलाई की उसके भेड़ों के बाल काटे उस महारानी का नाम था बंद करो बंद करो बस बस एक बार की बात है एक बहुत ही खूबसूरत राजकुमारी रहा करती थी जिसे एक चरवाहे से प्रेम हो गया वो उससे मिलने रोज पहाड़ी पर आया करती थी हो गया हो गया शाबाश तुम इस परीक्षा में भी उत्तीर्ण हुए तुम सच में बुद्धि के भंडार हो निसंदेह हमें राजकुमारी के लिए तुमसे अच्छा वर नहीं मिल सकता वामा कीर्ति तो सच में बहुत बुद्धिमान था अम्मा राजा ने अपना प्रॉमिस तोड़ने की खूब कोशिश की मगर आप मत कीजिएगा प्लीज मैंने कहानी सुनाकर अपना प्रॉमिस पूरा किया आपने शाम को कहानी सुनाने का प्रॉमिस किया था अभी तो दोपहर है अब आपको शाम को भी कहानी सुनानी पड़ेगी आप प्रॉमिस तोड़ नहीं सकती अम्मा अच्छा अच्छा ठीक है शाम को भी सुना दूंगी !!!

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